swami vivekananda: स्वामी विवेकानंद नॉनवेज खाते थे या नहीं

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स्वामी विवेकानंद नॉनवेज खाते थे या नहीं.

कई लोगों को लगता है कि हिंदू धर्म के अनुसार अगर कोई इंसान नॉनवेज को खाता है तो वह हिंदू नहीं कहलाता है।

लेकिन कई मामलों में आपको देखने को मिल सकता है कि कोई ऐसा भक्तों जिसकी भक्ति इन सब से ऊपर हो उसे भगवान जरूर से दर्शन देते हैं क्योंकि यहां पर लोगों को उसके जीवन चरित्र को नहीं उसके जीने के तरीके और उससे मिलने वाले ज्ञान को देखना चाहिए।


कुछ ऐसा ही है हमारे स्वामी विवेकानंद का जीवन। स्वामी विवेकानंद को जीवन में एक बहुत ही अनोखा शौक था जिसे आजकल के लोगों को खाना बनाना बहुत पसंद होता है वैसे ही हमारे स्वामी विवेकानंद को भी खाना पकाना बहुत ही पसंद था और अलग-अलग भोजन लेना भी उन्हें बहुत पसंद था। स्वामी विवेकानंद गोरुआ चोगा जरूर पहनते थे लेकिन वह नॉनवेज बड़े ही आनंद के साथ खाया करते थे वह मटन और मछली बहुत ही आनंद से खाते थे। कई लोगों को यह सुनकर स्वामी विवेकानंद के ऊपर जो गुरु भाव था वह उठ जाता है लेकिन इसके पीछे का कारण भी बहुत ही महत्वपूर्ण है इसे भी आपको सुनते जाना चाहिए।


दर्शल स्वामिविवेकानंद बंगाली थे और वह कायस्थ समुदाय से आते थे । समाज के अंदर मांस मच्छी खाना बहुत ही नॉर्मल बात है और वह पहले से ही मांस मच्छी खाते ही थे। इसके पीछे का उनका मानना यह भी था कि भारत को अगर ताकतवर बनाना चाहते हैं तो यहां के लोगों को भी मांस मच्छी खा कर शक्तिशाली बनाया जा सकता है। इस बात के पीछे उनका कहना एक दूसरा अभी बहुत ही महत्वपूर्ण मंतव्य है। स्वामी विवेकानंद का कहना था कि भारत में कई लोग मजदूरी करते हैं अगर मजदूर लोग शाकाहार भोजन लेते हैं तो इतनी ताकत नहीं प्राप्त कर पाते जितनी मांस मछली खाकर प्राप्त कर सकता है। स्वामी विवेकानंद को कचौड़ी सब्जी भी बहुत ही प्रिय थी और वह खाने के बाद अक्सर आइसक्रीम लिया करते थे। और कहीं लोगों को तो अब यह भी सवाल उठ रहा होगा कि उस जमाने में आइसक्रीम कहां लेकिन आइसक्रीम की शुरुआत लेकिन आइसक्रीम की भी एक अलग ही स्टोरी हैं कुछ लोगों के अनुसार 3000 साल पहले चाइना में आइसक्रीम की शुरुआत हुई थी और कुछ लोगों का कहना है कि इटली में पहली बार बर्फ की डिश किसने बनाई थी अब इनमें से तथ्य क्या है यह हम दूसरे आर्टिकल में पड़ेंगे।

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स्वामी विवेकानंद को भी चाय बहुत ही प्रिय थी वह चाय की चुस्की या बड़े शान से लिया करते थे।

विवेकानंद कुकिंग के दौरान खिचड़ी बनाना बहुत ही पसंद करते थे खिचड़ी में अंडे मटर और आलू के साथ इसे अफसर बनाया करते थे।

स्वामी जी अक्सर की में शक्कर पिकाल कर बुलाओगी बनाया करते थे। अनेक बातें हैं स्वामी विवेकानंद की जो आपको बिल्कुल ही पता नहीं है ऐसे अनेक बातों को जानने के लिए आप हमारे आर्टिकल को रोजाना पढ़िए जिससे आपका ज्ञान और आप स्वामी विवेकानंद जैसे कुछ ऐसे निर्णय ले पाए तो आप शायद किसी और आर्टिकल में ना पढ़ पाए।

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